तीन हफ़्तों तक फंसे रहे जंगल में । चींटियों के झुण्ड ने चीरा जख़्म को

जंगल में टहलना एक बात है, अमेज़न वर्षावान में ट्रैकिंग पर जाना एक और बात | जब तीन लोगों को पता चलता है की वे जंगल में खो गए हैं, तो उन्हें जल्द ही एहसास होता है की अमेज़न में मरने के हज़ारों तरीके हैं | बाहर निकले के रास्ते की खोज, अस्तित्व के लिए अंतिम लड़ाई बन जाती है | ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष करना प्रत्येक व्यक्ति को उसके घुटनों पर धकेल देता है | कौन जीवित रहता है और इसे वे कैसे पार करते हैं? आइए जानते हैं बाकि की कहानी

असरियमास, बोलीविया जंगल में एक दूरस्थ दूरवर्ती स्थान है | पर्यटकों को शायद ही कभी यह रास्ता मोहक लगता होगा लेकिन रोमांचकारों  को यह काफी लुभाता है |

  • केविन गैल, ओरगॉन के रहने वाले हैं लेकिन वह वर्षों से दुनिया की यात्रा कर रहे हैं जो की दक्षिण अमेरिका के रोमांचक यात्रा के रिवायत के तौर पर जाने जाते हैं |
  • योस्सी गिन्सबर्ग केविन के छोटे भाई और परिवार के सबसे छोटे सदस्य हैं जो इसरायली सेना से अभी बाहर ही आये थे | 
  • केविन  और योस्सी के साथ यात्रा करने वाले मरकुस स्विट्ज़रलैंड के रहने वाले हैं और हाल ही में उनकी प्रेमिका ने उनका साथ छोड़ दिया था जिस कारण उन्होंने इस यात्रा को अपने दुःख से उभरने का अच्छा तरीका समझा |
  • जब एक ऑस्ट्रियाई भूवैज्ञानिक और स्व-घोषित जंगल गाइड कार्ल रुप्रेच्तेर उन्हें चार दिन के सफर सेजंगले के रास्ते एक दूरस्थ भारतीय गांव तकले जाने की पेशकश करते हैं जो काफी मोहक और उन तीनों का अकेले जंगल को पार करना मुश्किल था तो न कुछ सोचे केविन उसे साथ ले जाने के लिए मान जाते हैं |
पहला दिन:
बोलीवियाइ लोगों ने चारों को उन खतरों की चेतावनी देते हैं, जो जंगल में उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं | लेकिन चारों ने उनकी बात ना मानना चुना |  बारिश का मौसम शुरू होने में कुछ दिन बाकी हैं और हर कोई जानता था की बारिश वर्षावन को और भी खतरनाक जगह बना देती है | कार्ल उन्हें यकींन दिलता है की वह जानता है की वो क्या कर रहा है और तीनों उसकी बात मन आगे बढ़ जाते हैं | उन्होंने कुछ ज्यादा सामान नहीं बांधा था क्यूंकि उन्होंने जंगल पर खाने जैसे चिड़िया के अंडे और फल आदि पर निर्भर रहना सही समझा |जोकि सिंद्धात में एक महान योजना है |

चौथा दिन :
आख़िरकार उन्होंने रास्ता खो देते हैं , और भोजन भी ख़त्म हो जाता है | कठिनाई चरम पर थी |
योस्सी कहते हैं -
"हम भूखे  थे ! बहुत भूखे थे!हम इतने लम्बे समय से चल रहे थे और शायद ही हमने कुछ खाया हो | तभी कार्ल ने बन्दर को गोली मार दी ,और  हमें खाने के लिए कहा और हमनें उस बन्दर को खा लिया | "
"जब अब भूख के उस स्तर पर पहुँचजाते हैं तो कुछ भी घिनोना नहीं लगता | "
तब उन्हें पता चलता है की कार्ल वास्तव में भूवैज्ञानिक नहीं, बल्कि एक धोखाधड़ी और जांबाज शिकारी था, जिसे जंगल का शून्य अनुभव था |

पांचवा दिन :
पांच दिन बीत चुके हैं और अभी तक कोई गाँव नहीं दिखता है | योस्सी और केविन को जंगल के अनुकूल में कोई समस्या नहीं होती है पर वहीँ मरकुस को दिकत्तों का सामना करना पड़ता है |

सातवां दिन :
बारिश आरम्भ हो चुकी थी | और अमेज़न में केवल दो सीजन होते हैं - बारिश वाला वाला मौसम और बहुत बारिश वाला मौसम | भोजन की कमी मरकुस को कमज़ोर बना रही है | और वह अपने पैरो के दर्द की भी शिकायत करते हैं की किस तरह उनके पैरों का दर्द उन्हें मार रहे हैं | जब मरकुस मरकुस जूते उतारते हैं तो असली समस्या का पता चलता है | गीले रास्तों से लगातार चलते रहने के कारण अब मरकुस के पैरों में ट्रेंच फुट ओपन सोर विकसित कर दिए हैं जो कि फफूंद और संक्रमित जीवाणु के लिए घर बन गया था |
लम्बे समय तक चलते रहने के कारण अब उनके शरीर के रक्त को प्रतिरक्षी प्राप्त होने में परेशानी हो रही थी | संक्षेप में कहा जाए तो उनके पैर सड़ रहे हैं | अब उन्हें बहुत जल्द चिकित्सा की ज़रूरत है
कार्ल मरकुस को पीछे छोड़ आगे बढ़ने की बात करता है और जल्द बस्ती में पहुंच कर मरकुस के लिए मदद लाने की बात करता है | केविन जानते थे की वह इतनी जल्दी बस्ती तक नहीं पहुंचने वाले क्यूंकि अब तक पुरे हफ्ते हो चुके थे और 3 दिन में बस्ती तक पहुंचे का फैसला हुआ था | केविन किसी को पीछा न छोड़ साथ बढ़ने पर आदते हैं |
अब वो जहाँ कहीं भी थे जंगल से बाहर निकलने के केवल दो ही रास्ते बचते हैं - जमींन पर रह कर 15 मील की ऊंचाई से आगे बढ़ना या नदी (सं पेड्रो ) के खतरनाक बहाव  के सहारे 93 मील की दुरी तय कर के बस्ती तक पहुंचना |
कुछ समझ ना आने पर कि किस तरफ जाया जाये जोकि जीने-मरने के फैसले के बराबर था नदी का सहारा लेते हैं |
केविन जिन्हे राफ्टिंग का अनुभव है वहीँ कार्ल ,जो समूह का जंगल गाइड है,पानी पर भी उतना कुशल नहीं है |

आठवां दिन :
कार्ल अपनी मर्ज़ी चलता है और बेड़े(राफ्ट ) को ढंग से न चला पाने के कारण उन पर चिल्लाता गालियां देता है| राफ्ट आगे न बढ़ पाने के कारण उन्हें मजबूरन नदी किनारे आना पड़ता है | जो योस्सी को साफ़ तौर पर उसकी रची साजिश लगती है |
कार्ल उन्हें दिलासा देता है अगर किनारे का साथ ले कर वह पानी के बहाव की ओर बढ़ते हैं तोह वह बस्ती तक पहुंच सकते हैं और पैदल चलने पर ज़ोर डालता है | केविन बहाव के थमने और फिर यात्रा शुरू करने का इंतज़ार करते हैं | अब योस्सी और केविन ने कार्ल की बातें सुनना बंद कर दिया है |केविन और योस्सी इस रोमांचक सफर को अपने हिसाब से आज़माना चाहते हैं | उन्होंने तरकीब बनाई की केविन और योस्सी नदी के सहारे और मरकुस और कार्ल जंगल के सहारे बस्ती तक पहुंचेंगे क्यूंकि कार्ल वापिस नदी के सहारे नहीं जाने वाला था | मरकुस योस्सी और केविन के साथ आने की मांग करता है पर केविन उन्हें रोकते हैं क्यूंकि वे जानते हैं की पानी मरकुस के पैरों को और नुक्सान पहुंचा सकते हैं | पर मरकुस ठीक होने का दवा करते उन के साथ आने की फिर मांग करता है लेकिन केविन उनकी भलाई के लिए कार्ल के साथ जाने को कहते हैं |
चारों तरकीब के मुताबिक़ दो हिस्सों में बंट कर, इस उम्मीद में की वे बहुत जल्द फिर मिलेंगे , बस्ती की खोज में निकल जाते हैं |

दसवां दिन :
केविन को राफ्टिंग का अनुभव था और वो इस से वह काफी उत्साहित हैं | पर योस्सी बड़ी लहरों से थोड़े चिंतित हैं जिस कारण वह कम उत्साहित है| देखते- देखते उनकी राफ्ट चट्टान से टक्करा जाती है | योस्सी और केविन राफ्ट को पकडे चट्टान का सहरा लिए कुछ देर रहते हैं की केविन योस्सी को नदी में कूद कर किनारे जाने के लिए जैसे ही कहते हैं कूद पड़ते हैं जो की किसी आत्महत्या से काम नहीं है | योस्सी केविन को पुकारते हैं की कुछ देर बाद केविन किनारे तक पहुंचने में सफल रहते हैं | योस्सी जैसे ही नदी में कूदने के लिए खड़े होते हैं राफ्ट ख़िसक जाता है और असंतुलित हो कर केविन नदी में पटक जाते हैं | देखते-देखते नदी योस्सी को केविन से दूर ले जाती है | वहीँ लहरें योस्सी को गहराई में धकेल रहीं है |
योस्सी पानी में सांस थमने की जैसे कोशिश करते हैं की उनके रक्तप्रवाह में अपशिष्ट गैसों का पलटा पैदा हो जाता है जो केविन के ना चाहते हुए भी उन्हें सांस लेने में मजबूर कर देती है | योस्सी किनारे तक जैसे तैसे पहुंच जाते हैं |
एक दूसरे को ढूंढने के फिराक़ में योस्सी नदी के विपरीत छोर की तरफ तोह केविन नदी के बहाव की तरफ बढ़ रहे थे |

ग्यारवां दिन :
एक दिन योस्सी जब केविन की खोज में थे तोह उन्हें चट्टान से खुदद्रती कोई चीज़ सुनाई पड़ती है | वे देखते हैं की एक बैग जो केविन ने उन्हें दिया था चट्टान में फांसी हुयी है| बैग में हर तरह की चीज़ लाइटर से लेकर कीट निवारक और सबसे महत्वपूर्ण नक्शा जो उन्हें जंगल में बचे रहने में मदद कर सकती है |
दूसरी तरफ केविन के पास कपड़ों से भरा बैग है और वो गलती से अपना कुल्हाडा पीछे ही भूल गए हैं | वापिस जाकर कुल्हाड़ा लाना पुरा दिन बर्बाद करना और मुरुखता के बराबर था तो केविन ने बिना कुल्हाड़े आगे बढ़ना चुना |
रास्ता संकरा होता जा रहा है और अब केविन के पास चट्टानों को चढ़ पार करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है |
केविन के पैरों की हालत भी अब मरकुस जैसी हो चली थी साफतौर पर उनके भी पैर सड़ रहे हैं |

सोलवां दिन :
उन्होंने बताया रात में जंगल और भी बत्तर हो जाता है | जंगल अजीब अजीब आवाज़ों से गूंज उठता है | एक रात योस्सी को एक अजीब आवाज़ ने पूरी तरह से डरा दिया | लकड़ियों और झाड़ियों को चीरती एक आवाज़ उनके करीब बढ़ती चली आ रही है | योस्सी ने टोर्च के जरिए देखा तो एक तेंदुआ उनकी और बढ़ता चला आ रहा था |
वह अपना लाइटर और कीट निवारक निकलते हैं और जैसे ही तेंदुआ उनके करीब आता है वे उससे एक बड़ी आग के सहारे आक्रमण कर देते हैं और तेंदुआ भाग जाता है |
अगली सुबह योस्सी खोज के लिए निकलते हैं उन्हें पेड पर निशाँन और जूतों के निशान नज़र आते हैं योस्सी को यकींन होता है कि यह केविन के ही पैर के निशाँन हैं कुछ दूर चलते ही उन्हें वैसे ही पेड पर निशाँन और जूतों के निशान दिखते हैं | योस्सी जब अपने जूतों को उन निशान पर रखते हैं तब उन्हें पता चलता है की वे घंटों से अपने ही निशान का पीछा कर रहे थे |
दूसरी तरफ केविन की हालत कमज़ोर होती जा रही है | हार मान उन्होंने टूटे पेड़ के सहारे ही तैरने का तय किया |

सत्तरवाँ दिन :
घंटों पानी में रहने के कारण केविन की हालत बत्तर / गंभीर हो चली थी | अब उन्हें भ्रम होने लगा था, वे कुछ भी देखते कह पाना मुश्किल होता की वो असली है या भ्रम |
की अचानक उन्हें कोई अपनी  नाव में ढोह लेता है | वे देखते हैं की दो नावक उनसे उनके खो जाने के बारे में पूछते हैं | उन्होंने केविन को बताया कि वे साल में सिर्फ दो बार ही शिकार के लिए जंगल आते हैं | जो केविन को किसी चमत्कार से काम नहीं लगा |
पर भाग्य योस्सी का साथ छोड़ रही है | दिसंबर का महीना और बारिश अपने चरम पर थी | किनारे भी अब बाढ़ के पानी में डूब चुके थे | जिससे योस्सी को कईं दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है |

बीसवां दिन :
दूसरी तरह दिन ठीक होने के पश्चात् केविन योस्सी को ढूंढने के लिए बोलीविया आर्मी की सहायता लेतें हैं | वे केविन को वापिस अपने परिवार के पास जा क्रिसमस मनाने की सलाह देते हैं | केविन के लाख कोशिशों के बाद आर्मी मान जाती है और एक एयरक्राफ्ट के सहारे योस्सी की खोज के लिए निकल जाते हैं |
योस्सी को हवाई जहाज की आवाज़ आती है और वे बेसुध आवाज़ के पीछे दौड़ने लगते हैं पर आवाज़ दूर होती चली जाती है क्यूंकि इतने घने जंगल में योस्सी को देख पाना मुश्किल था |

छब्बीसवाँ दिन :
दिन बीत रहे हैं और योस्सी के जीने की आस खत्म हो चली है | वहीँ केविन हार नहीं मानते हैं और कुछ दिन बाद स्थानीय लोगो की मदद मांगते हैं और नाव के सहारे उनकी खोज की मांग करते हैं |योस्सी के पास अब चिड़ियों के कच्चे अंडे और सड़े फल के सिवा खाने का और चारा नहीं है |उनका शरीर बुखार से तप रहा है और जैसे ही आराम करने के लिए रुकते हैं उन्हें किसी चीज़ के तेज़ काटने का अनुभव होता है यह और कोई नहीं जंगली चींटियां थी जो जहरीली तो नहीं पर उनके जबड़े इतने घातक होते हैं की मांस को भी चीर देते हैं और ये लाखों के झुण्ड में हमला करती हैं |
चींटियां योस्सी के जख्मों को काट रही हैं जैसे ही योस्सी बचने की कोशिश करते हैं चरों तरफ चींटियों का विशाल झुण्ड देखते हैं |
योस्सी बेहोशी के कगार तक पहुंच चुके थे  अब वह सिर्फ भगवान से अपने मरने की दुआ करते हैं | वे जल्द इस कठिनाई से मुक्त होना चाहते हैं |
जब योस्सी एक नदी किनारे चट्टान का सहारा लिए बेसुध पडे थे उन्हें कोई भिनभिनाती आवाज़ कानों में सुनाई पडती है |आने हाथों से आवाज़ को दूर करने की कोशिश करते हैं पर आवाज़ और भी तेज़ होती चली जाती है | योस्सी जैसे ही आँख खोलते हैं उन्हें एक नाव सामने से गुज़रती हुई नज़र आती है | लडख़ड़ाते हुए योस्सी नाव की तरफ इशारा करते हैं | ये और कोई नहीं केविन थे जैसे ही उनकी नज़र योस्सी पर पड़ती है नाव को मोड़ने के लिए कहते हैं |  हड़बड़ाते हुए केविन नदी में छलांग लगते हैं और योस्सी को गले से लगा लेते हैं |

बोलिवियन अर्मी ने फिर से जंगल में खोज की पर कार्ल और मरकुस का कोई संकेत नहीं मिला | और कार्ल जिस भारतीय गाँव का दावा कर रहे थे कहीं मौजूदगी नहीं रखता |

  • केविन, मरकुस को अपने साथ ना आने की बात पर दुःख ज़ाहिर करते हैं और साथ ही ये भी जताते हैं अगर सारे एक साथ सफर करते तो परिणाम कुछ और ही होता |

  • केविन ने फोटोग्राफी और यात्रा का सफर ज़ारी रखा |
    योस्सी गिन्सबर्ग अब एक लेखक और प्रेरक वक्ता के रूप में कार्यरत हैं | वे अमेज़न की जंगल को संरक्षित करने का भी काम कर रहे हैं| 








Comments

  1. O My God!!😱That is totally unreal! Happy that they survived but felling bad for Karl and markus !😣

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  2. koi kaise yeh zokhim utha lete hein ! thankyou is post ke liye iss se jaanane ko mila ki duniya mein bhi aisi ghtnaayein hoti hein

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  3. itni musibton ke baad bhi zinda ! soch kr rhi vishwaas sa nhi hota

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  4. jo jhooth bol kar unhe jungle mein rasta dikhane ka dawa kar rha tha wo hi nhi mila or jise bilkul bhi knowledge nhi thi wo bcch gye !

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  5. itne bde jungle mein mil pana kisi miracle se kam nhi hai

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